डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल का पहला दौरा शुरू। खाड़ी देशों की यात्रा के मायने क्या हैं?
संक्षिप्त परिचय:-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहली यात्रा खाड़ी देशों की शुरू की है। खाड़ी देशों की यात्रा को अपनी पहली विदेश नीति की पहल बनाते हुए, इस यात्रा को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा न केवल प्रतीकात्मक बनाया जाएगा बल्कि रणनीतिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण बनाया जाएगा। खाड़ी के देश; विशेष रूप से सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और बहरीन; अमेरिका के पारंपरिक सहयोगी भी रहे हैं। इस यात्रा के माध्यम से डोनाल्ड ट्रंप कई रणनीतिक व राजनीतिक उद्देश्यों को साधने की पूरी कोशिश कर सकते हैं।

1. खाड़ी देशों के पास तेल और ऊर्जा सुरक्षा:-
पूरा विश्व जानता है कि खाड़ी क्षेत्र वैश्विक तेल उत्पादन का मुख्य केंद्र है। साथ ही अमेरिका की ऊर्जा नीतियों में भी इस क्षेत्र की केंद्रीय भूमिका रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान घरेलू ऊर्जा उत्पादन को पूर्ण बढ़ावा देने की नीति को अपनाया था, साथ-ही-साथ खाड़ी देशों के साथ भी मजबूत सम्बन्धों को बनाए रखा था। डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में भी ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक तेल कीमतों को स्थिर रखने के लिए सऊदी अरब जैसे OPEC+ देशों के नेताओं से सहयोग करने को प्राथमिकता दे सकते हैं।
इसके महत्व पर एक नजर:
- खाड़ी देशो से होने वाली पेट्रोलियम मूल्य स्थिरता अमेरिका में मुद्रास्फीति को नियंत्रण करने में विशेष भूमिका निभा सकती है।
- ऊर्जा के क्षेत्र में चीन और रूस के बढ़ते प्रभाव को कम करना भी ट्रंप का मूल उद्देश्य है।
2. खाड़ी देशों के साथ अमेरिका का ईरान के खिलाफ रणनीतिक गठबंधन:-
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ईरान परमाणु समझौते से स्वयं को अलग कर लिया था और ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की नीति को प्राथमिकता दी थी। खाड़ी देशों की यात्रा ने इस नीति की पुनरावृत्ति की संभावना को फिर से हरी झंडी दिखा दी है। ऐसे में खाड़ी देशों के साथ अमेरिका का सैन्य और खुफिया सहयोग को बढ़ावा देना ट्रंप की प्राथमिकता में शामिल हो सकता है।
इसके महत्व पर एक नजर:
- ईरान की बढ़ती परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोक लगाना।
- ईरान द्वारा समर्थित गुटों जैसे हिज़्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों को कमजोर करना
- अमेरिका का उद्देश्य इजराइल-खाड़ी देशों के बीच बढ़ते रिश्तों को ओर मजबूत करना है।
3. अमेरिका द्वारा अब्राहम समझौते को विस्तार देना:-
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल में उनकी प्रमुख उपलब्धि रही थी अब्राहम समझौता को आगे बढ़ाना, जिसके अनुसार इजराइल और कुछ अरब देशों (जैसे UAE, बहरीन, मोरक्को आदि) देशों ने मजबूत राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। डोनाल्ड ट्रंप यदि फिर से इस पहल को आगे बढ़ाते हैं, तो उनकी खाड़ी यात्रा का उद्देश्य यह भी हो सकता है।
इसके महत्व पर एक नजर:
- अमेरिका द्वारा इस्लामी देशों में इजराइल को वैधता दिलाना है।
- पश्चिम एशिया में अमेरिका की घटती भूमिका को मजबूत करना।
- अरब-इजराइल टकराव को एक नए चरण में ले जाना भी डोनाल्ड ट्रंप का उद्देश्य है।
4. चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती को चुनौती देना:-
पिछले कुछ वर्षों में खाड़ी देशों की चीन व रूस के साथ बढ़ते संबंध गहरे हुए हैं। मुख्य रूप से चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI), तकनीक और सैन्य सहयोग ने अमेरिका की चिंताओं को भी काफी हद तक बढ़ा दिया है।
इसके महत्व पर एक नजर:
- डोनाल्ड ट्रंप का उद्देश्य खाड़ी देशों को अमेरिका की कूटनीतिक और सैन्य अवस्था को बनाए रखना है।
- अमेरिका द्वारा 5G नेटवर्क, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रणनीतिक बंदरगाहों पर चीनी प्रभाव को कम करना शामिल है।
- रूस का ईरान और सीरिया में बढ़ती भूमिका को कम करना।
5. अरब देशों के साथ रक्षा और हथियार सौदे:-
डोनाल्ड ट्रंप का शुरू से ही एक प्रमुख एजेंडा रहा है, हथियारों की बिक्री को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना, जिससे अमेरिका की रक्षा कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो और घरेलू रोजगार को बढ़ावा मिले। खाड़ी देश विशेष रूप से सऊदी अरब और UAE विश्व के सबसे बड़े हथियार आयातक देश हैं।
इसके महत्व पर एक नजर:
- ईरान, यमन संघर्ष और आतंकी खतरे को अरब देशों की सुरक्षा चिंताओं का समाधान करना।
- रूस और चीन से अरब देशों द्वारा हथियार खरीदने से रोकना भी शामिल है।
- अमेरिकी रक्षा उद्योग को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करना।
इसका निष्कर्ष:-
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा खाड़ी देशों का दौरा करना उनके दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के रूप में शामिल है। यह कई स्तरों पर आर्थिक, रणनीतिक, कूटनीतिक और धार्मिक संदेश देगा। यह न केवल अमेरिका द्वारा पश्चिम एशिया में वापसी का संकेत होगा साथ ही विश्व राजनीति में शक्ति संतुलन को एक नया आयाम व आकार मिलेगा।