सुनीता विलियम्स पर सभी देशवासियों को गर्व :-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य दलों के नेताओं समेत बहुत सी हस्तियों ने भी सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की धरती पर सुरक्षित वापसी पर उनकी पूरी टीम को बधाई दी और साथ ही कहा कि उन्होंने अपनी जीवंत समर्पण और जीवन में कभी हार न मानने की भावना से सभी को प्रेरित किया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उनकी ऐतिहासिक यात्रा; दृढ़ संकल्प और साहस की कहानी है, मैं उनके अटूट संकल्प को नमन करती हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नासा के क्रू-9 मिशन की धरती पर सुरक्षित वापसी को सफल बनाने वाली पूरी टीम को बधाई। भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने अपना दृढ़ समर्पण और कभी हारने न मानने की भावना से सभी को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वागत है आपका क्रू-9 पृथ्वी पर, आपकी कमी महसूस की गई। साथ ही मोदी ने कहा कि यह धैर्य और साहस की परीक्षा थी। सुनीता विलियम्स और क्रू-9 अंतरिक्ष यात्रियों ने हमें दिखाया है कि द्रढ़ संकल्प हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रा का मतलब मानवीय क्षमता को आगे बढ़ाना और सपने देखने का साहस करना है। जो इंसान अपने लक्ष्य पर द्रढ़ रहता है वह एक दिन सपनों को हकीकत में बदल देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुनीता विलियम्स ने अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण पेश किया है कि वे अपने जीवन में पथ-प्रदर्शक और आदर्शवादी महिला हैं। मोदी ने कहा कि हमें उन सभी पर गर्व है जिन्होंने उनकी सुरक्षा वापसी सुनिश्चित करने के लिए जीजान से मेहनत की। उन्होंने दिखाया है कि सटीकता अपने जुनून से मिलती है और प्रौद्योगिकी अपनी दृढ़ता से मिलती है। भारतीय अन्तरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि विलियम्स की सुरक्षित वापसी एक विशेष उपलब्धि है और यह नशा इस अन्तरिक्ष अभियान के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे त्रणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी विलियम्स को बधाई दी। अमित शाह ने कहा कि एक चुनौती पूर्ण अंतरिक्ष अभियान को पूरा करते हुए क्रू-9 का सफल प्रक्षेपण एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह इस बात का प्रतीक है कि किस तरह साहस धैर्य और समर्पण के साथ कठिन से कठिन बाधाओं पर भी काबू पाया जा सकता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष में मानवता जीवंत और दृढ़ता का इतिहास लिख दिया है। नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी की खुशी में गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित उनके पैतृक गांव झुलसन में भी बहुत धूम धाम से मनाई गयी, इस दौरान गांव में एक सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष इकट्ठा हुए और एक विशाल जुलूस निकला। अंतरिक्ष यात्री विलियम्स और बुच विल्मोर जैसे ही अमेरिका में फ्लोरिडा तट के पास उतरे, उनके गांव के लोग खुशी से झूम उठे, आतिशबाजी की गई, साथ ही नाचने लगे और मंदिर परिसर में हर-हर महादेव के नारे लगाने लगे।
विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए ग्रामीणों ने एक यज्ञ भी किया। इस मौके का उत्सव मनाने के लिए सभी विद्यार्थी सुबह करीब 9:00 बजे सरकारी स्कूल में पहुँच गए, उन्होंने पारंपरिक गुजराती लोक नृत्य गरबा भी किया और देवी डोला माता के मंदिर तक एक रैली भी निकाली। उन्होंने कहा कि देवी ने उनकी प्रार्थना सुन ली और विलियम्स सुरक्षित घर वापस लौट आयीं। छात्रों ने कहा कि देवी का आशीर्वाद हमेशा बना रहे इसलिए रैली निकाली गई। छात्रों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी शामिल हुए।
स्कूल के एक शिक्षक ने कहा कि जब सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुई थीं और उनके मिशन में देरी हुई तो हमने 27 जून को यहां एक अखंड जोत जलाई और उनके लिए प्रार्थना करते हुए डोला माता के मंदिर तक अखंड ज्योति लेकर रैली निकाली।
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पहले भी दो बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जा चुकी है लेकिन शायद ही उन्होंने यह सोचा होगा कि तीसरी बार अंतरिक्ष में जाने के बाद उन्हें वापसी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है और यह घटना इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होगी।
नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स 9 महीने अंतरिक्ष में रहने के बाद भारतीय समय अनुसार बुधवार सुबह अमेरिका की धरती पर लौट आए। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस x पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को अलविदा कहा।
भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की यह तीसरी अंतरिक्ष उड़ान थी जो संघर्ष के बाद सफल रही और उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 268 दिन बताए। पूर्व अमेरिकी नौसेना कप्तान विलियम्स 59 साल का जन्म 19 सितंबर 1965 को यूक्लिड ओहायो में हुआ। उनके पिता दीपक झुलसन पांडे गुजरात के मेहसाणा जिले के झुलसन के रहने वाले थे और मां उर्सुल पांडे स्लोवेनिया से है। सुनीता विलियम्स अमेरिका की निवासी हैं।